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TRENDING | 22/05/2019
KOTA:
किसी व्यक्ति की ट्रेन में तबीयत खराब हो जाती है तो किसी भी सूरत में ट्रेन को नहीं रोका जाएगा, लेकिन उस बीमार व्यक्ति का इलाज कराया जाएगा। यह आदेश रेल मंत्रालय ने सभी स्टेशन मास्टरों को दिया है। अधिकारियों के मुताबिक- आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्थिति में ट्रेन को लेट न किया जाए।
तबियत ज्यादा खराब होने पर मरीज को ट्रेन से उतारकर गाड़ी को रवाना किया जाएगा
कई बार ट्रेन में मरीज का स्वास्थ्य खराब होने पर डॉक्टर के चेकअप में समय लगता था। इस वजह से अभी तक रेलवे ट्रेनों को कुछ देर रोकने की इजाजत देता था। नई व्यवस्था में मरीज की स्थिति ज्यादा खराब न हो तो उसे ट्रेन में ही फर्स्ट एड मुहैया कराया जाएगा। यदि मरीज की हालत ज्यादा खराब हो या उपचार मिलने में देरी होनी की आशंका हो तो अधिकारी मरीज को ट्रेन से उतारकर गाड़ी को रवाना कर देंगे। साथ ही मरीज का उपचार स्थानीय स्तर पर कराएंगे।
सुविधा का मिसयूज नहीं हो, इसलिए फीस तय
रेलवे द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत अब डॉक्टर के लिए 100 रुपए कंसलटेशन फीस तय की गई है। दवाओं का खर्च अलग होगा। अभी तक इस तरह की सेवा के लिए 20 रुपए लिए जाते थे। अगर कोई यात्री बीमार होता था, तो टीटीई इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देता था। इसके बाद अगले स्टेशन पर डॉक्टर उसका इलाज करता था। लेकिन अब टीटीई बाकायदा कंसलटेशन फीस 100 रुपए की रसीद भी आपको देगा। अक्सर यात्री मामूली समस्या होने पर भी डॉक्टर बुला लेते थे। इसको रोकने के लिए फीस लगाई है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यात्रियों को यह सुविधा पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस हर तरह की ट्रेनों में मिल सकेंगी। ट्रेन में सफर करने वाला व्यक्ति तबीयत खराब होने पर रेलवे हेल्पलाइन 138, टीटीई और गार्ड को सूचित कर सकेगा। टीटीई तुरंत कंट्रोल रूम में मैसेज देकर अगले स्टेशन पर डॉक्टर की डिमांड करेगा। स्टेशन पर डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है तो यात्री को स्टेशन पर उतारकर नजदीकी सरकारी अस्पताल भेजा जाएगा।