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CHHATTISGARH | 3/05/2019
RAIPUR:
प्रदेश में पहली बार शासकीय स्कूलों के कक्षा आठवीं और नवमीं के बच्चों की उपलब्धियों में सुधार के लिए ’निखार’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है. कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों की उपलब्धियों में सुधार के लिए बेस लाइन आंकलन किया जाएगा और बच्चों की बौद्धिक क्षमता के समुचित विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा इसके प्रथम चरण में आज यहां शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने राज्य स्तरीय आंकलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि आंकलन के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य बच्चों की स्थिति में सुधार के ईमानदार प्रयास करना है.
कार्यक्रम को लागू करने के लिए तकनीकी समर्थन देने हेतु ’द ट्रांसफार्म ट्रस्ट’ द्वारा सहयोग दिया जा रहा है. इनके साथ बिना किसी वित्तीय सहयोग के समग्र शिक्षा द्वारा अनुबंध किया गया है. कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य राज्यों में संचालित इस योजना का अध्ययन कर राज्य के अनुरूप शिक्षण सामग्री तैयार कर इस योजना को लागू किया जा रहा है.
प्रथम चरण में राज्य के दस जिलों-बीजापुर, कांकेर, महासमुन्द, गरियाबंद, रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मास्टर्स ट्रेनर्स तैयार किए जा रहे है. शाला खुलने के पूर्व इन जिलों में कक्षा आठवीं और नवमीं पढ़ाने वाले हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान शिक्षकों का तीन-तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. इन जिलों में सभी शालाओं के प्रधानपाठकों एवं प्राचार्यों को भी एक दिवसीय प्रशिक्षण देकर इस कार्यक्रम को शालाओं में लागू किया जाएगा.
कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित जिलों के सभी उच्च प्राथमिक एवं हाई स्कूल के कक्षा आठवीं और नवमीं के बच्चों का बेसलाइन आंकलन किया जाएगा, जिससे यह जानकारी मिलेगी कि इन कक्षाओं के कितने बच्चों कक्षा-तीन से कम स्तर के और कितने बच्चे कक्षा-पांच से कम तथा कितने बच्चे कक्षा-आठवीं के स्तर के हैं. इस आंकलन के बाद बच्चों के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे.