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Crime | 11/09/2024
छत्तीसगढ़ :
राजिम के विकास के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. मानसून सत्र में राजिम विधायक रोहित साहू की मांग पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने विधानसभा से ही राजिम में सर्व सुविधा युक्त बस स्टैंड की मंजूरी का ऐलान कर दिया था. इसके साथ ही जिला प्रशासन को जमीन अलॉट करने का निर्देश भी जारी कर दिया. राजस्व रिकार्ड देखा गया, जिसमें राजिम गरियाबंद मार्ग पर नेशनल हाइवे से लगे 799/6 में 117 एकड़ सरकारी जमीन दिखी. लेकिन मौके पर जांच हुई तो जमीन के बड़े हिस्से में राजनीतिक रसूखदारों का कब्जा नजर आया. काफी जद्दोजहद और कई दौर के माप के बाद फिलहाल बस स्टेंड के लिए जिला प्रशासन ने खसरा 799/6 में 1.32 हेक्टेयर भूूमि को राजिम पालिका सीएमओ को अग्रिम अधिपत्य में दिया गया. यह कार्यवाही 10 सितंबर को किया गया. अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल 1.32 हेक्टेयर दिया गया है ताकि काम शुरू हो सके. काबिज रकबे के सवाल पर कलेक्टर ने न्यायालयीन मामला बता कर इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की|
पिछली सरकार ने भी बस स्टैंड के लिए 2 करोड़ की मंजूरी दिया था,पर उस समय जमीन आवंटन नहीं किया जा सका.सूत्र बताते है की सरकारी जमीन के ज्यादातर हिस्से में कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का कब्जा है. कुछ भाजपाई के नाम भी इसमें शामिल है.लेकिन इस बार स्थानीय जन प्रतिनिधि व प्रशासन के संयुक्त प्रयास होने के कारण बस स्टेंड के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया सफल हुआ.इसके साथ ही राजिम के सरकारी जमीन पर गलत तरीके से चढ़ाए गए कब्जे की भी जांच शुरू हो गई है.बताया जाता है की भूमि में कब्जा के बाद बटाकन जैसे महत्वपूर्ण कार्य सालो से लंबित पड़ा था,15 से ज्यादा तहसीलदार राजिम तहसील की कुर्सी पर बैठे पर किसी ने हिम्मत नही जुटाई थी.लेकिन अब अचानक दर्ज करने की कार्यवाही में आई तेजी पर कई सवाल खड़े हो रहे है.सूत्र बताते है की इसकी भी सूक्ष्मता से जांच शुरू हो गई है. जिसके आंच का देर सबेर मिलीभगत करने वालो को भुगतना पड़ेगा|
बस स्टैंड को लेकर राजिम विधायक रोहित साहू शुरू से ही प्रयासरत हैं.विधायक ने विधानसभा में कहा था कि राजिम को प्रयाग कहा जाता है, कुंभ का दर्जा मिला है,सैकड़ों लोगों की आवाजाही भी रोजाना होती है. लेकिन बस स्टेंड के अभाव महिला यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रोहित साहू ने कहा की सर्व सुविधा युक्त बस स्टेंड बनाने में कोई भी रोड़ा आए जनता उसको बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रशासन अपना काम शुरू कर दिया है. बहुत जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे. सरकारी जमीन मुक्त हुई तो जनता की प्राथमिकता के आधार पर और भी विकास कार्य कराए जा सकेंगे|
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