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SPORTS | 12:00:00 AM
DELHI:
पाकिस्तान को अफगानिस्तान के हाथों आठ विकेट से बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यह वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान की पहली जीत रही। दोनों टीमों के बीच अब तक आठ वनडे मैच खेले गए हैं और पाकिस्तान ने सात मैच जीते थे। अफगानिस्तान ने एक मैच जीता है।
पाकिस्तान की हार के बाद सोशल मीडिया पर फैंस की ओर से काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। पाकिस्तान के फैंस तो बाबर आजम और बाकी खिलाड़ियों को टीम से निकालने की मांग तक कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों ने भी अपनी टीम पर सवाल खड़े किए हैं। शोएब अख्तर ने तो यहां तक कह दिया कि इस टीम को देखकर कौन युवा प्रेरित होगा और क्रिकेट को करियर चुनने के बारे में सोचेगा। वहीं, वसीम अकरम ने अपनी टीम की फिटनेस पर सवाल खड़े किए हैं। शोएब मलिक और मिस्बाह उल हक ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के इंटेंट पर सवाल उठाए हैं और बाबर की टीम को लताड़ लगाई है।
अपने यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान के गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा- अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बताया है कि क्रिकेट खेलते कैसे हैं। वर्ल्ड चैंपियन थे हम और अब अफगानिस्तान की इकोनॉमी हमसे बेहतर हो रही है, टीम भी हमसे बेहतर हो रही है और करेंसी भी हमसे बेहतर हो रही है। इस मैच में अफगानिस्तान की बैटिंग भी हमसे बेहतर हो गई। लोगों को लगता है कि मुझे चेयरमैन बनने का शौक है, इसलिए मैं वीडियोज बनाता हूं। मैं आपको सच बताता हूं। मेरे साथ पाकिस्तान ने कुछ बुरा नहीं किया न। पाकिस्तान ने मुझे हर चीज दी। अब मेरा भी हक बनता है कि मैं पाकिस्तान के लिए कुछ कर के दूं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में हर काम के लिए सही आदमी को चुनने की जरूरत है। आप ये अफगानिस्तान से क्यों नहीं सीखते हो? पाकिस्तान में कहां से बंदा उठकर चेयरमैन बन जाता है। आखिर कब तक आप मिडियोक्रिटी को लागू करते रहोगे। आप औसत बंद लाकर रखते रहोगे और औसत प्रदर्शन होता रहेगा, इकोनॉमी तो वैसे ही तबाह है, क्रिकेट इकोनॉमी भी तबाह हो जाएगी
अख्तर ने कहा- कौन सा ऐसा क्रिकेटर है जिसे देखकर युवा प्रेरित होंगे और क्रिकेट चुनने के लिए आगे आएंगे? मैंने तो वकार यूनिस, वसीम अकरम, इमरान खान, स्टीव वॉ, एलन बॉर्डर और विवियन रिचर्ड्स को देखा है। पर इस पाकिस्तान टीम में कौन से ऐसे प्रेरित करने वाले क्रिकेटर हैं? लोग क्यों वीडियो देखते हैं हमारी आज भी, क्योंकि हमने कई युवाओं को प्रेरित किया। टीम को छोड़ दें, पीसीबी की बात करें, मैनेजमेंट की बात करें जो पीसीबी में हो रहा है उसका सीधा असर टीम पर दिख रहा है। पीसीबी ने जो चुनाव किए पिछले 20-30 वर्षों में उसका असर अब दिख रहा है। और अपने मैनेजमेंट में औसत लोग लाएं, याद रखना लोग ठीक लोगों को अपने दिल में जगह देती है। वो बंदा फिर लोगों को प्रेरित करता है। फिर एक टीम बनती है। मैंने पाकिस्तान के लिए खेला है, लेकिन अब मेरा दिल रो रहा है इस स्थिति को देखकर। मैं हमेशा से अपने लड़कों का समर्थन करता आया हूं, आज भी करूंगा, मेरा समर्थन कभी इस टीम के लिए खत्म नहीं होगा। हालांकि, अगर मैं टीम के साथ होता तो मैं कप्तान बाबर को कहता जो हो गया उसे भूल जाओ और तुम्हारे सामने न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश हैं। इन चारों टीमों को हराओ। खुलकर खेलो देखते हैं क्या होगा। बाबर को खुद भी 120 के स्ट्राइक रेट से खेलने के लिए कहूंगा।
वसीम अकरम ने पीसीबी पर निशाना साधा है
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज और स्विंग के किंग कहे जाने वाले वसीम अकरम ने कहा कि मौजूदा पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों का फिटनेस लेवल बहुत ही घटिया है। वसीम ने कहा कि 1992 विश्व कप चैंपियंस के लिए यह हार बहुत दुखद है। उन्होंने एक स्पोर्ट्स चैनल पर कहा- यह बहुत ही शर्मिंदा करने वाली हार थी। अफगानिस्तान ने दो विकेट के नुकसान पर ही यह मैच जीत लिया। 280-290 बड़ा स्कोर होता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि पिच गीली है या नहीं। आप हमारे खिलाड़ियों का फिटनेस लेवल देखें। हम कबसे चिल्ला रहे हैं कि पिछले दो साल से इन खिलाड़ियों का कोई फिटनेस टेस्ट नहीं हो रहा है। मैं खिलाड़ियों का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन उनको देखने से लगता है कि वह आठ-आठ किलो कढ़ाई और निहारी हर रोज खा रहे हैं। हम पिछले दो साल से कह रहे हैं कि खेलना है तो कोई टेस्ट तो होना चाहिए। आप पेशेवर क्रिकेटर्स हैं। आपको पैसे दिए जा रहे हैं और आप देश के लिए खेल रहे हैं। टीम में चयन के लिए कोई निश्चित मानदंड होनी चाहिए।
वसीम ने मैनेजमेंट पर भी सवाल खड़े किए
उन्होंने कहा- रमीज राजा के बतौर पीसीबी चेयरमैन हटने के बाद नए चेयरमैन आए (नजम सेठी)। उस वक्त टीम के कोच सकलैन मुश्ताक और मोहम्मद यूसुफ थे। उन्हें 10 लाख रुपये सैलरी दी जा रही थी। तब हम टी20 विश्व कप के फाइनल (2022) में पहुंचे। नए चेयरमैन आए और पुराने लोगों को हटाना शुरू कर दिया। आपको विदेशी कोच बेहद पसंद थे। कोई नहीं मिला तो आपने कोच को ऑनलाइन रख लिया (मिकी आर्थर), लेकिन किसी भी कीमत पर वह बंदा चाहिए। अब अगली बार से कृपया थोड़ा देश का सोच लिया करें। मोईन खान ने कहा- हम ऐसे मुल्क में खेले हैं जहां फिटनेस का बड़ा ध्यान रखा जाता है। अफगानिस्तान के खिलाफ तो ऐसा लगा कि सभी खिलाड़ी थक चुके थे। जिस तरह से मैदान पर फील्डिंग हुई है, वह देखकर साफ लग रहा था कि हमारे खिलाड़ी काफी थके हुए थे। किसी से फील्डिंग नहीं हो रही थी। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि आपने ऐसे समय में श्रीलंका का टूर रखा, श्रीलंका का हम सबको पता है कि वहां खिलाड़ी ड्रेन आउट हो जाते हैं। तीन महीने पाकिस्तान की टीम श्रीलंका में रही है।
मोईन ने कहा- आपने पहले टेस्ट सीरीज खेली, फिर अफगानिस्तान से श्रीलंका में ही वनडे सीरीज खेली। वनडे सीरीज में भी मेन टीम को ही खिलाया किसी नए खिलाड़ी को नहीं भेजा। किसी को तैयार नहीं किया। बिल्कुल प्लानिंग नहीं थी। इसके बाद एशिया कप भी श्रीलंका में खेलने को तैयार हो गए। हमारे मैनेजमेंट में 70 से 80 प्रतिशत नए लोग हैं जिन्हें क्रिकेट में कोई नहीं जानता और ऐसे में लोग काम कर रहे हैं। फर्स्ट क्लास का पूरा सिस्टम चेंज कर दिया।
वहीं, मिस्बाह उल हक ने कहा- जो अफगानिस्तान की स्पिन बॉलिंग की क्वालिटी थी और जो हमारी स्पिन बॉलिंग की क्वालिटी थी, उसमें साफ फर्क नजर आ रहा था। अफगानिस्तान के खिलाड़ी आसानी से एक रन ले रहे थे और आसानी से चौके मार रहे थे। अफगानिस्तान का बल्लेबाज एक जगह खड़ा है और हमारे स्पिनर्स वैसी बॉल कर रहे थे, जिसपर वह चौका मार सकें। हमारे बैटर को एक रन के लिए या चौके के लिए मेहनत करनी पड़ी है। या तो उन्हें स्वीप शॉट खेलना पड़ा या निकल कर खेलना पड़ रहा था। राशिद खानऔर नूर अहमद की गुगली कोई पाकिस्तानी बल्लेबाजी समझ नहीं पा रहा था। हमें अफगानिस्तान पर प्रेशर बनाना था, जो कि हम शुरू से नहीं कर पाए। हर टीम के पास अच्छे स्पिनर्स हैं, लेकिन हमारे स्पिनर्स आसानी से बाउंड्री दे रहे हैं।
शोएब मलिक ने पाकिस्तान के टॉस जीतकर चेज न करने के फैसले पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा- पाकिस्तान को कंडीशंस का पता नहीं चला। उन्होंने सोचा कि अफगानिस्तान को उनकी स्ट्रेंथ (स्पिन) पर खेलने नहीं दिया जाए और इस वजह से अफगानिस्तान से पहले गेंदबाजी कराई। वहीं, अच्छी टीमें जैसे कि भारत बिल्कुल इसका उलटा करता है। वह अपनी स्ट्रेंथ पर खेलता है और फैसला करता है। खैर वहां से कोई इतना मसला नहीं था। जो 282 रन का टोटल था वह काफी अच्छा था। थोड़ा सा प्रेशर पड़ता तो आप लोग ऐसे गिव अप करते हो जैसे क्या हो जाना है। अगर आपका विजन ही नहीं है न, आपने होमवर्क नहीं किया, ये जब तक चलेगा हम कुछ नहीं कर पाएंगे। हम चाहे सेमीफाइनल में पहुंच जाएं, लेकिन यह सच्चाई है कि हम अच्छी टीमों से भिड़ने के काबिल नहीं हैं।
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