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NATIONAL | 12:00:00 AM
DELHI :
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज एक ट्वीट कर बताया है कि केंद्र सरकार राजधानी दिल्ली में रह रहे 1100 रोहिंग्या मुसलमानों को पक्का आवास उपलब्ध कराएगी। फ्लैट के साथ उन्हें बिजली, टीवी, पानी, भोजन और चौबीस घंटे सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। रोहिंग्या परिवारों को बाहरी दिल्ली के बक्करवाला के पक्के इडब्ल्यूएस कैटेगरी के फ्लैट में शिफ्ट करने की यह योजना दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बनाई गई है। दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को टेंट में रखने पर प्रति माह सात लाख रूपये खर्च कर रही है। केंद्र सरकार ने इसे शरणार्थियों को रखने की अंतरराष्ट्रीय सोच के अनुसार उठाया गया कदम बताया है।
लेकिन केंद्र के इस निर्णय पर संघ परिवार के अंदर ही घमासान मच गया है। भाजपा रोहिंग्या मुसलमानों के बहाने आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और अमानतुल्लाह खान पर निशाना साधती रही है, लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट की सुविधा देने की घोषणा के बाद वह बैकफुट पर है। भारतीय जनता पार्टी और उसके समान विचारधारा वाले संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते रहे हैं।
भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाती रही है। वह इसके लिए आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान पर निशाना भी साधती रही है और उन्हें ‘देशद्रोहियों’ को पालने वाला बताती रही है। भाजपा ने यह आरोप तब लगाया था जब अमानतुल्लाह खान का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे ओखला के पास टेंट में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान परिवारों को भोजन, बिजली-पानी और नकद आर्थिक सहायता करने की बात कहते हुए देखे गए थे। लेकिन केंद्र के इस निर्णय के बाद भाजपाई खेमे में चुप्पी छाई हुई है।
विहिप ने की आलोचना
वहीं, विहिप ने केंद्र सरकार के रोहिंग्या मुसलमानों को घर देने की योजना का कड़ा विरोध किया है। विहिप के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि वे केंद्र सरकार के इस निर्णय को सुनकर हतप्रभ हैं। उन्होंने कहा कि हरदीप सिंह पुरी को इस निर्णय तक पहुंचने के पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान को ध्यान में रखना चाहिए था जिसमें उन्होंने रोहिंग्याओं को कभी शरणार्थी के रूप में भारत में स्वीकार न करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं को घर देने की बजाय उन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाना चाहिए।
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