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ENTERTAINMENT | 12:00:00 AM
RAIPUR:
अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा है, और इसी अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ के इलाके में कभी शूट हुई थी अमिताभ बच्चन-श्रीदेवी की फिल्म ‘खुदा गवाह’। इस फिल्म की शूटिंग के लिए अमिताभ बच्चन जब अफगानिस्तान पहुंचे थे तो वहां उस समय के राष्ट्रपति नजीबुल्ला अहमदजई ने उनकी खातिरदारी अपने निजी मेहमान की तरह की थी। अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म को याद करते हुए कुछ साल पहले अपने ब्लॉग पर लिखा था, “मुझे नहीं पता कि अब मेरे मेजबान कहां है? अक्सर मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि वे कहां होंगे?” अमिताभ बच्चन की हिफाजत के लिए लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले सैन्य हेलीकॉप्टर और अपना निजी सुरक्षा दस्ता मुहैया कराने वाले नजीबुल्ला 1987 से 1992 तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे। सितंबर 1996 में तालिबान ने ही उनका बहुत क्रूरता के साथ कत्ल कर दिया।
सोशल मीडिया पर अफगानिस्तान के उन दिनों के हालात पर अपने एक लेख में खुद अमिताभ बच्चन लिखते हैं, “सोवियत के लोग देश छोड़कर जा चुके थे और सत्ता आ चुकी थी नजीबुल्ला अहमदजई के हाथों जो खुद लोकप्रिय हिंदी सिनेमा के बड़े वाले प्रशंसक थे। वह मुझसे मिलना चाहते थे और हमारा आदर सत्कार बिल्कुल शाही अंदाज में हूआ। हमारा मजार ए शरीफ में वीवीआईपी स्वागत हुआ और हमने उस बेहद खूबसूरत देश को एयरफोर्स के जहाजों के साये में करीब करीब पूरा मथ डाला था। हमें कहा गया कि हम होटल में नहीं रुकेगें।
हमारे लिए किसी ने अपना पूरा महल खाली कर दिया और जब तक हम रहे वह पास में ही किसी दूसरे घर में रहता रहा। अफगानिस्तान की कुछ लोकेशंस ऐसी भी थी जहां सिर्फ घोड़ों के जरिये पहुंचा जा सकता था और तब अमिताभ बच्चन और उनके काफिले को छोटे छोटे हवाई जहाजों से नेपाल की सीमा तक पहुंचाया जाता और वहां से पूरी यूनिट घोड़ों की पीठ पर लोकेशन तक पहुंचती। कुछ रातें अमिताभ बच्चन ने लोकेशन पर ही मिट्टी के बने ऐसे घरों में बिताईं, जहां वे खड़े हो जाएं तो सिर छत से टकरा जाता था।
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