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CHHOLLYWOOD | 12:00:00 AM
RAIPUR:
छत्तीसगढ़ी में बानी पहली फ़िल्म कहि देबे संदेस से छत्तीसगढ़ की छॉलीवुड दुनिया की शुरवात हुई जिसकी रोचक यादे फिल्म के निर्माता निर्देशक मनुनायक की जीवन में आई मोड़ फिल्मी दुनिया से काम नहीं
11 जुलाई 1937 के गांव कुर्रा , तहसील तिल्दा में उनका जन्म हुआ फिल्मी दुनिया में काम करने की ललक ने सन 1957 में मुंबई चले गए कुछ दिन धक्का खाने के बाद
उस समय के निर्माता निर्देशक महेस कौल के अनुपम चित्र नाम के कंपनी काम मिला वह उसे सभी प्रकार के काम करने पड़ते थे वहा मनुनायक को फिल्म बनाने की जूनून चढ़ा और छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बनाने का सोचा पर कई सवाल उसके दिमाक में चल रहे थे जैसे पैसा कहा से आएगा फिल्म में मुंबई से लोग कैसे काम करने जायेंगे फिल्म बन भी जायेगा तो कौन देखेगा और छत्तीसगढ़ी भाषा में फिल्म बनाये से चलेगा की नई ?
फिर मनु जी छत्तीसगढ़ में 1963 में पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बनाने का बीड़ा उठाया और आखिरकार सन 1965 पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘कहि देबे संदेस’ बना
उस समय के सूचना प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी ने भी फिल्म देखी और फिल्म की तारीफ की
पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘कहि देबे संदेस’ में संगीत हिन्दी सिनेमा के जाने-माने संगीतकार मलय चक्रवर्ती। गीतकार मोहम्मद रफी, मन्ना डे, सुमन कल्याणपुरी, मीने पुरुषोत्तम और महेंद्र कपूर हे। इन महान लोगो ने कम पैसो में काम करके छत्तीसगढ़ी फिल्म सिनेमा को अमर बना दिया
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