छत्तीसगढ़: पर्यटकों से हो रहा गुलजार नक्सलियों कI गढ़

By Anant

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RAIPUR:

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से जुड़ी हिंसक घटनाओं में कमी आ रही है। इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पर्यटन में इजाफा हुआ है। यही वजह है कि नक्सलियों के गढ़ के तौर पर विशेष रूप से बदनाम रहे अबूझमाड़ में पर्यटकों की आमद भी बढ़ी है। नक्सलियों से प्रभावित इस क्षेत्र में काफी सुंदर झरने हैं और अब पहली बार पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि देखी जा रही है। आने-जाने वाले वाहनों की संख्या पर नजर रखने वाली सीआरपीएफ के आंकड़ों के अनुसार, यहां पर्यटकों की यात्राओं में भारी उछाल देखने को मिला है। आंकड़ों के मुताबिक, यहां इंद्रावती पुल पर बाइकों की आवाजाही की औसत संख्या में साल 2018 के मुकाबले 77 फीसदी (जून 2018 और जून 2019 की तुलना में) की वृद्धि हुई है। वहीं यदि साल 2017 की बात करें तो इसमें करीब 133 फीसदी (जून 2017 और जून 2019 की तुलना में) की वृद्धि हुई है। वहीं इस मामले में कारों की बात करें तो इंद्रावती पुल और सतधार जलप्रपात पर जाने वाली कारों की औसत संख्या में साल 2018 के मुकाबले 87 फीसदी और साल 2017 के मुकाबले 221 फीसदी की वृद्धि हुई है। सीआरपीएफ के आंकड़ों के अनुसार, मंगनार/मालेवाही/हराकोदेर से बारसूर तक यात्रियों को लाने के लिए जीप/पिकअप की औसत संख्या में 36 प्रतिशत की उछाल देखी गई है। सीआरपीएफ की 195 बटालियन ने इस संबंध में एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें पर्यटकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अबुझमाड़ क्षेत्र में झरना देखने के लिए आने में पहले डर रहता था, लेकिन अब हालात सामान्य हो रहे हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बल ने इंद्रावती पुल और सतधार झरने पर जाने वाले पर्यटकों में से कुछ लोगों का नाम सहित डेटा भी एकत्र किया है। सीआरपीएफ का कहना है कि क्षेत्र में उसकी तैनाती के बाद से इंद्रावती पुल, नदी तल और सतधार जलप्रपात पर आने वाले पर्यटकों की औसत संख्या में साल 2018 में 94 फीसदी जबकि साल 2017 की तुलना में 233 फीसदी की वृद्धि हुई है। बता दें कि अबूझमाड़ क्षेत्र में कई स्थानों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना के कारण यहां बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं।

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