छत्तीसगढ़: खेलो को बढ़ाने नहीं बंद करने की और साई सेंटर रायपुर

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RAIPUR:

राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित साईं सेंटर 2011 में शुरू हुआ उस दौरान 6 खेल संचालित होते थे जिनकी बोर्डिंग एवं डे बोर्डिंग चलती थी अब महज 2 खेल बचे हैं इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि साईं रायपुर संचालक खेल को बढ़ाने नहीं बल्कि बंद करने की ओर हैं।

 कयाकिंग कैनोइंग के खिलाड़ियों का ट्रेनिंग सेंटर भी रायपुर में साईं के द्वारा संचालित किया जाता था लेकिन बाद में इस खेल को यहां से भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया जिसका कारण संसाधनों की कमी बताया गया, जिस हेतु छत्तीसगढ़ कयाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन के द्वारा कई बार पत्राचार किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि पहले भी साई सेंटर रायपुर को संसाधन एसोसिएशन के द्वारा प्रदान किए गए थे आगे भी ऐसा ही किया जाएगा कृपया इस खेल को यहां से स्थानांतरित नहीं किया जाए परंतु उस पत्र का आज तक जवाब ना तो साईं सेंटर रायपुर और ना ही आरडी साईं ने दिया

उल्लेखनीय की जितने भी खेलो की  ट्रेनिंग  साईं सेंटर में आज तक दी गई है उसमें कायाकिंग एंड कैनोइंग खेल के खिलाड़ियों के द्वारा ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए मेडल प्राप्त किए हैं परंतु साई सेंटर रायपुर में पदस्थ कोच, इंचार्ज का उद्देश्य शायद कुछ और ही है इसलिए वे मेडल लाने वाले खेल और खिलाड़ियों के प्रति  उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं शायद उन्हें केवल  वेतन लेने से ही मतलब है  खिलाड़ी को ट्रेनिंग देने से ज्यादा उस खेल को बंद करने में उनकी ज्यादा रुचि है

जितने भी कोच उक्त खेल के यहां आए उनका उद्देश्य केवल कैसे भी यहां से अपना ट्रांसफर कराना था इसलिए उन्होंने पूरा प्रयास किया कि यह खेल यहां बंद हो जाए और उनकी नियुक्ति छत्तीसगढ़ से कहीं बाहर हो जाए

2011 में रायपुर साई सेंटर 6 खेल के साथ शुरू हुआ था, 2017 में सुश्री गीता पंथ ने साई सेंटर इंचार्ज के पद पर जॉइन किया। 28 फरवरी को वे रिटायर्ड हो रही हैं। उन्हें भी संस्था के द्वारा कई बार पत्र लिखे गए पर आज तक उनकी तरफ से भी जवाब का इंतजार है उनसे जब भी चर्चा की गई उनका केवल एक ही उत्तर होता था मैंने आर डी साईं को जानकारी दे दी है

खेल एवं युवा कल्याण विभाग की और से भी पत्राचार किया गया कि उक्त खेल को यहां पर संचालित किया जाए परंतु साईं की तरफ से केवल आश्वासन ही मिले

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