Pakistan : इस्राइल से गुपचुप संबंध बनाने के मुद्दे पर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार घिरी

By DAMINI

INTERNATIONAL  | 12:00:00 AM

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DELHI:

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने दावा किया है कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की इस्राइल यात्रा में शरीफ सरकार का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि ये यात्रा एक विदेशी गैर-सरकारी संगठन ने आयोजित की। इसके पहले कई मीडिया रिपोर्टों में बताया कि यरुशलम गए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने वहां इस्राइल के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। बुधवार को यात्रा के आयोजकों की तरफ से बताया गया था कि दल में अमेरिका में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि शामिल थे।

इस दल का गठन कथित अब्राहम समझौते के बाद हुआ था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में अमेरिकी मध्यस्थता में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान और मोरक्को के साथ इस्राइल ने समझौता किया था, जिसमें दोनों पक्षों में सामान्य कूटनीतिक संबंध बनाने की बात कही गई थी। इन समझौतों को अब्राहम समझौते के नाम से जाना गया।

नसीम अशरफ के नेतृत्व में गए इस दल की यात्रा का मकसद ‘अंतर-धार्मिक सद्भाव’ को बढ़ाना देना बताया गया है। अशरफ पहले पाकिस्तान सरकार में मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण दिया कि पाकिस्तान ने इस्राइल को मान्यता नहीं दी है और न ही उसके साथ कूटनीतिक संबंध बनाया है। उन्होंने पाकिस्तान का यह रुख दोहराया कि जब तक फिलस्तीनी मुद्दे का न्यायपूर्ण समाधान नहीं होता, पाकिस्तान इस्राइल को मान्यता नहीं देगा।

लेकिन पर्यवेक्षकों की राय है कि हाल की कुछ घटनाओं के कारण इस्राइल के मामले में पाकिस्तान के रुख को लेकर संदेह पैदा हुआ है। इस साल के आरंभ में जब इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) सत्ता में थी, तब भी कुछ पाकिस्तानी नागरिकों और विदेश में रहने वाले पाकिस्तान मूल के व्यक्तियों के एक दल ने इस्राइल की यात्रा की थी। उस समय भी पाकिस्तान में एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ था। तब पीटीआई सरकार को सफाई देनी पड़ी थी।

लेकिन इस बार यहां चर्चा है कि पीटीआई अपने राजनीतिक अभियान के दौरान इस मुद्दे पर मौजूदा सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। पीटीआई का नया सरकार विरोधी अभियान शनिवार से शुरू हो रहा है। पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने इसे ‘हकीकी आजादी’ की मुहिम नाम दिया है। खान ये आरोप लगाते रहे हैं कि वर्तमान सरकार अमेरिका में रची गई साजिश के तहत बनी है और अमेरिकी इशारे पर काम कर रही है। इसके बीच इस्राइल के संबंध बनाने के मुद्दे पर उठे विवाद से इस सिलसिले में उन्हें एक और मुद्दा मिल गया है।

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