मध्यप्रदेश : छात्र हित में विश्वविद्यालय का विकास कुलपति का दायित्व - राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल

By DAMINI

MADHYA PRADESH  | 12:00:00 AM

title

BHOPAL :

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि छात्र हित में विश्वविद्यालय का विकास कुलपति का दायित्व है। कुलपति अपनी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग विश्वविद्यालय की गुणवत्ता और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग में लगाए। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रबंधकीय व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए सबका सहयोग और सुझाव प्राप्त करें। विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए नवाचार और कड़े निर्णय लेने में संकोच नहीं करें। राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत 14 विश्वविद्यालयों के कुलपति को संबोधित कर रहे थे।

      राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय देश की भावी पीढ़ी के भविष्य निर्माण का केंद्र होते हैं। वह राष्ट्र निर्माण की नींव हैं। यदि नींव मज़बूत होगी, तभी भवन मज़बूत और विशाल बन सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम, शिक्षण व्यवस्थाएँ और वित्तीय प्रबंधन छात्रों के हित में हो। रोजगार की सम्भावनाओं के दृष्टिगत नए पाठ्यक्रम शीघ्र शुरू किए जाए। साथ ही ऐसे पाठ्यक्रम जिनकी प्रासंगिकता नहीं रही हो उसे बंद करने में भी विलंब नहीं करें। इससे वित्तीय संसाधनों का बेहतर उपयोग सम्भव होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनुदान के साथ ही केंद्र सरकार, अन्य संस्थाओं से अनुदान प्राप्ति के प्रयास किए जाएँ। साथ ही विश्वविद्यालय स्वयं के स्त्रोत भी विकसित करें। सांसद और विधायक निधि से भी राशि प्राप्त करने के प्रयास करें।

राज्यपाल श्री पटेल ने शिक्षकों की नियमित नियुक्ति पर बल दिया। शिक्षण की नियमितता विद्यार्थियों के जुड़ाव के लिए जरूरी है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को वंचितों के सहयोग के लिए प्रोत्साहित करें। ग्रामीण अंचल में सेवा कार्यों को विद्यार्थियों के सहयोग से संचालित करें। सिकल सेल एनीमिया रोग उन्मूलन में सरकार के प्रयासों की पहुँच बढ़ाने में विद्यार्थियों को शामिल करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों के न्यायालय में लंबित मामलों में गति लाने की जरूरत बताई। कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के न्यायालयीन मामलों की संवीक्षा कर एक समान प्रकरणों को चिन्हित किया जाए। महाधिवक्ता के साथ चर्चा कर, फास्ट ट्रेक अथवा लोक अदालतों के माध्यम से निराकरण की पहल की जानी चाहिए।

      राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा ने कहा कि आगामी शिक्षा-सत्र के लिए शासन द्वारा निर्धारित अकादमिक कैलेंडर को पाठ्यक्रम वार विभाजित कर तैयार किया जाए। प्रत्येक पाठ्यक्रम के प्रत्येक कोर्स की परीक्षा और परिणाम की तिथियों की पुस्तिका बनाएँ। उसकी प्रति राजभवन को भेंजे और विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित करें। उन्होंने कहा कि कुलपति पाठ्यक्रमों के डिलीशन, एडीशन और फैकल्टी मैनेजमेंट में स्वतंत्र रूप से विश्वविद्यालय हित में निर्णय करें। रिक्त पदों की पूर्ति समय-सीमा में अनिवार्यत: की जानी चाहिए।

#MADHYA PRADESH
WhatsApp      Gmail    

Copyright 2020, Himaksh Enterprises | All Rights Reserved