DELHI:
कश्मीर घाटी में लाइन ऑफ कंट्रोल पर स्थित लॉन्च पैड्स पर इस समय तेज गतिविधियां हो रही हैं और यहां 60 से 80 आतंकवादी मौजूद हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि माना जा रहा है कि ये अफगानिस्तान से लौटे आतंकी हैं। इन्हें यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है और गर्मियों के महीनों में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान को इन आतंकियों को भारत में भेजने से पहले कई बार सोचना होगा क्योंकि इस्लामाबाद अभी भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की ईमानदारी का अंदाजा तभी लगाया जा सकता है जब यह आतंकी ढांचे को खत्म कर दे।
बीते समय में कुछ ऐसे रहे हैं पाकिस्तान इन लॉन्च पैड्स से दूर रहा
अधिकारियों ने कहा कि 2019 में भारतीय सेना की सख्ती के बाद पाकिस्तान इन लॉन्च पैड्स से दूर रहा। इसके बाद वे कुछ समय के लिए फिर उभरे और बाद में फिर से गायब हो गए। लेकिन, खुफिया सूचना और फील्ड इकाइयों की निगरानी के अनुसार पिछले साल अगस्त से फिर से सक्रिय हुए इन लॉन्च पैड्स पर 60 से 80 आतंकवादी मौजूद हैं।
जानकारी के अनुसार ये आतंकी अफगानिस्तान में युद्ध से लौटे पाकिस्तानी आतंकी हो सकते हैं। अधिकारियों ने आगे बताया कि एलओसी पर पिछले साल से युद्ध विराम चल रहा है और पाकिस्तानी सेना ने 2019 में पीछे हटने के बाद इस समय का इस्तेमाल अपनी स्थिति को मजबूत बनाने में किया है। उसने यहां लगभग 8000 टन रक्षा सामग्री एकत्र कर ली है।
पाकिस्तान ने मजबूत की अपनी स्थिति, भारत भी तैयार है
पाकिस्तानी सेना ने युद्ध विराम का लाभ उठाते हुए इस समय का इस्तेमाल अपनी हवाई रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ सीमा पर 60 हैवी कैलिबर तोपों की तैनाती करने में किया है। अधिकारियों ने कहा कि एक ओर भारतीय सेना ने एलओसी पर रणनीतिक बढ़त बनाए रखी है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि आतंकवादी घुसपैठ न करने पाएं।
अधिकारियों ने कहा कि सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और निगरानी को और मजबूत किया गया है।